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बीकानेर: शिक्षा और राष्ट्रसेवा के संगम से एक नई क्रांति का सूत्रपात हो रहा है। राजस्थान के बीकानेर जिले में देश का पहला सरकारी कन्या सैनिक स्कूल (Girls' Sainik School) स्थापित होने जा रहा है। यह न केवल बीकानेर बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, जो बेटियों को सेना में शामिल होने के लिए समान अवसर प्रदान करेगा।
ऐतिहासिक कदम और प्रेरणा
इस महत्वपूर्ण परियोजना का लोकार्पण हाल ही में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा किया गया। यह स्कूल भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है, जो सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
इस स्कूल की स्थापना में सबसे बड़ा योगदान उद्योगपति पूनमचंद राठी का रहा है। मूलतः बीकानेर के रहने वाले श्री राठी ने इस नेक काम के लिए अपनी प्रेरणा साझा करते हुए कहा कि, “हर कोई लड़कों के लिए करता है, लेकिन म...
Read Moreनमस्ते दोस्तों!
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी अक्सर कुछ ऐसा ढूंढते हैं जो हमें भीतर से शांति और खुशी दे सके। है ना? कई बार हम छोटी-छोटी बातों में उलझकर अपनी बड़ी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन सोचिए, अगर कुछ आसान से सूत्र मिल जाएं जो हमें हर मुश्किल से लड़ने और जिंदगी को खुलकर जीने की ताकत दें, तो कैसा रहेगा?
आज मैं आपसे ऐसे ही 3 शानदार मंत्रों के बारे में बात करने वाला हूँ, जो जापान के मशहूर फिलॉसोफर डॉ. सुजुकी ने हमें दिए हैं। यकीन मानिए, इन्हें अपनी जिंदगी में उतार कर आप भी अपनी लाइफ को एक नया नज़रिया दे सकते हैं। तो चलिए, बिना देर किए जानते हैं क्या हैं ये मंत्र!
सुनने में थोड़ा अजीब लगा ना? लेकिन ये मंत्र बहुत गहरा है। नानकुरौनाइसा का सीधा सा मतलब है - "समय के साथ सब ठीक ...
Read Moreटीबी मुक्त ग्राम पंचायत के लिए राज्य में 24 से विशेष अभियान की शुरुवात
Read Moreराजस्थान के अजमेर जिले के केकड़ी उपखंड में एक अनूठी कहानी लिखी जा रही है। यहां के 13 गांवों में हर दूसरे घर की लड़की फुटबॉल खेल रही है। करीब 550 लड़कियों ने फुटबॉल को अपना करियर बनाया है, और इनमें से 245 लड़कियों ने बाल विवाह का डटकर विरोध किया। कई लड़कियों ने खेल के लिए अपनी सगाई तक तोड़ दी। 6 लड़कियां अब डी-लाइसेंस हासिल कर कोच बन चुकी हैं, जबकि 15 लड़कियां नेशनल स्तर पर खेल चुकी हैं।
इस बदलाव की सूत्रधार रही हैं महिला जन अधिकार समिति की डायरेक्टर इंदिरा पंचोली और समन्वयक पद्मा। उन्होंने बताया कि बंगाल में देखी गई स्कूली लड़कियों की फुटबॉल प्रैक्टिस ने उन्हें प्रेरित किया। शुरू में गांवों में खेल उत्सव लगाकर लड़कियों को प्रोत्साहित किया गया, लेकिन कई घरों ने लड़कियों को फुटबॉल खेलने से रोका, इसे लड़कों का खेल मानते हुए।
कई लड़कियों को अपने पति और फुटबॉल के ब...
Read Moreनई दिल्ली। अयोध्या के बाद देशभर में मंदिर-मस्जिद से जुड़े कुल 9 विवाद कोर्ट पहुंचे हैं। इनमें कुतुबमीनार, जुम्मा मस्जिद (मंगलुरु), शाही ईदगाह मस्जिद (मथुरा), जामा मस्जिद (संभल), भोजशाला (धार), जामा मस्जिद (फतेहपुर सीकरी), अटाला मस्जिद (जौनपुर), शम्सी जामा मस्जिद (बदायूं) और अजमेर शरीफ की दरगाह शामिल हैं।
इनमें से कुछ विवादों पर पहले से ही सुनवाई चल रही थी, लेकिन अयोध्या के फैसले के बाद इन पर तेजी से सुनवाई शुरू हो गई है। इन विवादों में हिंदू पक्ष का दावा है कि इन मस्जिदों को हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाया गया था। वहीं, मुस्लिम पक्ष इस दावे का विरोध कर रहा है।
इन विवादों पर कोर्ट में सुनवाई जारी है और फैसला आने में अभी कुछ समय लग सकता है। इन विवादों के फैसले का असर देशभर में सांप्रदायिक सौहार्द पर पड़ सकता है। इसलिए इन विवादों पर कोर्ट ...
Read Moreनई दिल्ली। हाल ही में ए.आर. रहमान और मोहिनी डे के तलाक की खबरों के बाद समाज में एक खास तरह का माहौल बन गया। जहां रहमान को सहानुभूति मिली, वहीं मोहिनी को तरह-तरह की टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। यह एक बड़ा सवाल उठाता है कि क्या एक महिला की पहचान सिर्फ उसकी पारिवारिक स्थिति से जुड़ी होती है?
लेखिका मेघना पंत ने इस विषय पर एक लेख लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि एक महिला की पहचान सिर्फ मां, बेटी या पत्नी होने तक सीमित नहीं है। वह एक स्वतंत्र व्यक्ति है, जिसकी अपनी महत्वाकांक्षाएं, सपने और करियर हैं। एक अकेली महिला भी उतनी ही सम्मान की हकदार है, जितनी एक विवाहित महिला।
मेघना पंत ने आगे कहा कि समाज को एक महिला की निजी जिंदगी में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें अपनी पसंद के अनुसार जीने का पूरा अधिकार है। चाहे वह शादीशुदा हो या अकेली, उसे हर हाल में सम्मान मिलन...
दौसा। दौसा जिले के पापड़दा थाना क्षेत्र के गांव कालीखाड़ की दांगडा ढाणी में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। यहां 5 साल का आर्यन नाम का बच्चा एक 160 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया। हादसे के समय बच्चे की मां पास में ही टैंक पर नहा रही थी।
सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन, सिविल डिफेंस टीम और दौसा व जयपुर से एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। 7 जेसीबी और 13 ट्रैक्टर लगाकर खुदाई की जा रही है। बोरवेल में कैमरे और ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की गई है। बच्चा करीब 147 फीट की गहराई पर फंसा हुआ है।
एसडीआरएफ की टीम ने बच्चे को निकालने के लिए देसी जुगाड़ भी तैयार किया था, लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। रात को अजमेर से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई।
यह हादसा खुले बोरवेल के कारण हुआ है।
जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर को प्रदेश का सबसे बड़ा स्किल डवलपमेंट सेंटर मिला है। सीतापुरा में 35 करोड़ रुपये की लागत से बने इस सात मंजिला भवन का निर्माण 1.25 लाख वर्ग फीट में किया गया है। 500 छात्रों की क्षमता वाले इस सेंटर में ट्रेनिंग के साथ-साथ 10 मंजिला रेस्ट हाउस भी बनाया गया है, जिससे छात्रों को रहने की सुविधा मिलेगी।
यह सेंटर विशेष रूप से आई-ड्रोन (AI Drone) की ट्रेनिंग, डाटा साइंस, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में कौशल प्रदान करेगा। राष्ट्रीय स्किल डवलपमेंट कॉर्पोरेशन और आईआईएम मुंबई के साथ एमओयू भी किया गया है, जिससे छात्रों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण मिल सकेगा।
मुख्य विशेषताएं:
भवन का विस्तार: 7 मंजिला भवन और 10 मंजिला रेस्ट हाउस।
500 छात्रों की क्षमता: एक साथ 500 छात्र इस सेंटर में अध्ययन कर सकेंगे।
आधुनिक सुविधाएं: हॉस्टल सुविध...
भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना के तहत राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में चीता संरक्षण हेतु एक 2000 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया है। यह कॉरिडोर मुख्य रूप से चीतों की पुनः स्थापना और उनकी संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्तावित है।
भारत में चीतों की संख्या में लगातार कमी आ रही थी, लेकिन 2022 में दक्षिण अफ्रीका से चीतों की पुनः आव्रजन योजना के तहत चीतों को कूनो नेशनल पार्क (मध्य प्रदेश) में लाया गया था। अब इस नए कॉरिडोर की योजना से इन चीतों के प्राकृतिक आवास का विस्तार किया जाएगा, जिससे उनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
इस कॉरिडोर में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख जंगलों और अभ्यारण्यों को जोड़ने का प्रस्ताव है। यह प्रयास पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे स्थानीय पारि...
जीन चार्ल्स द्वीप बना पहला जलवायु शरणार्थी द्वीप
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