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जयपुर: आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर 'गुप्त नवरात्रि' कल, 26 जून, 2025 (गुरुवार) से शुरू हो रही है। यह नौ दिवसीय पर्व मां शक्ति के दस महाविद्या स्वरूपों की गुप्त उपासना का विशेष समय माना जाता है। इस दौरान भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और विशेष सिद्धियों के लिए गोपनीय रूप से साधना करते हैं।
सामान्य नवरात्रियों की तरह इस अवधि में सार्वजनिक पूजा-पाठ कम होता है, बल्कि तांत्रिक और विशेष अनुष्ठानों पर अधिक जोर दिया जाता है। माना जाता है कि इस दौरान की गई साधनाएं शीघ्र फलदायी होती हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
किस महाविद्या की उपासना से क्या मिलेगा फल?
यह गुप्त नवरात्रि विभिन्न मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशिष्ट महाविद्याओं की उपासना का अवसर देती है:
ज्ञान के लिए: यदि आप ज्ञान और विद्या प्राप्त करना चाहते हैं, तो मां तारा की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है।
समृद्धि के लिए: धन-धान्य और वैभव की कामना रखने वाले भक्त मां षोडशी (त्रिपुरा सुंदरी) की उपासना करें।
शक्ति और सुरक्षा के लिए: भय पर विजय और आंतरिक शक्ति के लिए मां भैरवी की पूजा अर्चना श्रेष्ठ है।
संगीत-कला के लिए: कला और संगीत के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए मां मातंगी की आराधना करनी चाहिए।
शत्रु नाश के लिए: शत्रुओं और बाधाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए मां बगलामुखी की उपासना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।
इनके अतिरिक्त, इस दौरान मां काली, त्रिपुरा सुंदरी, छिन्नमस्ता, धूमावती, भुवनेश्वरी, कमलात्मिका जैसी अन्य महाविद्याओं की भी उपासना की जाती है।
रानी माताजी की पालकी यात्रा का शुभ मुहूर्त:
ज्योतिषचार्य पंडित डॉ. जिनेंद्र शर्मा के अनुसार, रानी माताजी की पावन पालकी शोभायात्रा का श्रेष्ठ मुहूर्त गुरुवार सुबह 5:39 बजे से 7:21 बजे तक रहेगा। इस दौरान दर्शन करना और माता का आशीर्वाद प्राप्त करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
यह गुप्त नवरात्रि आत्मिक शुद्धि और अपनी इच्छाओं की पूर्ति का एक अनमोल अवसर है। इस दौरान अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य अनुसार साधना कर मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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