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चुल्गिरी जैन मंदिर: अरावली की गोद में एक शांत तीर्थ

08

Jul

3

4

अरावली की हरी-भरी पहाड़ियों के बीच, जहाँ प्रकृति अपनी सबसे शांत और मनमोहक रूप में दिखती है, वहीं स्थित है चुल्गिरी जैन मंदिर (Chulgiri Jain Mandir). जयपुर, राजस्थान से कुछ ही दूरी पर स्थित यह मंदिर, जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, और शांति व आध्यात्मिकता की तलाश करने वालों के लिए एक सुकून भरा ठिकाना भी.


इतिहास और वास्तुकला

चुल्गिरी मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन है, जो 10वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है. यहाँ मुख्य रूप से भगवान पार्श्वनाथ (Lord Parshwanath) को समर्पित एक भव्य दिगंबर जैन मंदिर है. मंदिर की वास्तुकला देखते ही बनती है. सफेद संगमरमर से निर्मित यह मंदिर, अपनी बारीक नक्काशी और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. मंदिर परिसर में भगवान पार्श्वनाथ की एक विशाल मूर्ति है, जिसकी आभा और शांति मन को तुरंत अपनी ओर खींच लेती है. इसके अलावा, यहाँ अन्य तीर्थंकरों की...

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राजस्थान की खनिज संपदा: निवेश और प्रगति का नया अध्याय

08

Jul

2

2

राजस्थान की मिट्टी का सोना: हमारे लोगों के लिए एक नया सवेरा

जब हम राजस्थान का नाम लेते हैं, तो अक्सर हमारे मन में शानदार किलों, रंगीन पगड़ियों और रेगिस्तान के जहाज, ऊंट की तस्वीरें उभरती हैं। लेकिन इस ऐतिहासिक धरती की एक और कहानी है, जो इसके गर्भ में छिपी है और इसके लोगों के पसीने और सपनों से जुड़ी है - यह कहानी है हमारी खनिज संपदा की।

हाल ही में, हमारे मुख्यमंत्री जी ने इसी छिपी हुई ताकत को एक नई दिशा देने की बात कही है। यह सिर्फ एक सरकारी घोषणा नहीं है, बल्कि यह उन लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है जिनका जीवन खनन से जुड़ा है।

धरती का खजाना, हमारे लोगों का भविष्य

यह जानना कितना अद्भुत है कि हमारी जमीन के नीचे 82 तरह के खनिज छिपे हैं! यह सिर्फ चट्टान और पत्थर नहीं हैं, बल्कि यह हमारे प्रदेश की प्रगति की नींव हैं। आज जब हम 57 तरह के खनिजों क...

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भविष्य की उड़ान: संस्कृत के साथ AI और डेटा साइंस - भारत की नई शिक्षा क्रांति!

08

Jul

1

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नमस्ते दोस्तों!

सोचिए, अगर हमारी प्राचीन ज्ञान परंपरा आधुनिक विज्ञान से हाथ मिला ले, तो क्या हो? कुछ ऐसा ही अद्भुत अब राजस्थान समेत पूरे देश में होने जा रहा है, जो शिक्षा और करियर दोनों का चेहरा बदलने वाला है!

जी हाँ, अब बच्चे केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि संस्कृत के साथ AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डेटा साइंस भी पढ़ेंगे! चौंक गए? यह एक ऐसा कदम है जो भारतीय ज्ञान परंपरा और आधुनिक विज्ञान का बेहतरीन संगम है।

क्यों है यह इतना खास?

यह सिर्फ एक कोर्स नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक स्मार्ट तैयारी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो छात्र संस्कृत भाषा और टेक्नोलॉजी दोनों में महारत हासिल करेंगे, उनके लिए करियर में शानदार अवसर खुलेंगे। कल्पना कीजिए, एक ऐसा इंजीनियर जिसे संस्कृत के गहन ज्ञान के साथ-साथ डेटा का विश्लेषण करने और AI मॉडल बनाने की सम...

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नर्सिंग छात्रों के लिए खुशखबरी: परीक्षाओं के आवेदन आज से शुरू!

08

Jul

1

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नमस्ते भविष्य के स्वास्थ्य योद्धाओं!

अगर आप MSC नर्सिंग प्रीवियस या फाइनल (पूरक) परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो आपके लिए एक ज़रूरी खबर है। RUUHS ने इन परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू कर दी है!

यह उन सभी मेहनती छात्रों के लिए एक बड़ा मौका है, जो अपने नर्सिंग करियर में अगला कदम बढ़ाने के लिए तैयार हैं। हम जानते हैं कि नर्सिंग की पढ़ाई कितनी समर्पण मांगती है, और यह परीक्षा उस समर्पण का फल पाने का एक अहम पड़ाव है।

आपके लिए महत्वपूर्ण तारीखें:

  • साधारण शुल्क के साथ आवेदन की अंतिम तिथि: 12 जुलाई

  • लेट फीस (₹215) के साथ आवेदन: 13 और 14 जुलाई

  • दोगुने शुल्क के साथ आवेदन: 15 जुलाई

  • ऑनलाइन वेरिफिकेशन: 16 जुलाई

याद रखें, MSC नर्सिंग कोर्स की अवधि दो वर्ष है और वर्ष 2021 से पहले प्रवेशित विद्यार्थी इस परीक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे।

स...

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राजस्थान में बदलाव की हवा: पर्यावरण और उद्योग का संगम

07

Jul

3

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नमस्ते दोस्तों!

आज हम बात करेंगे राजस्थान में हो रही कुछ ऐसी पहल के बारे में जो न केवल राज्य की आर्थिक प्रगति को गति दे रही है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। और सबसे खास बात, इन सब में आपकी और हमारी भागीदारी का महत्व है!

जैसा कि आपने सुना होगा, राजस्थान सरकार बजरी के विकल्प के रूप में एम-सैंड (निर्मित रेत) के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। यह न केवल हमारी नदियों को अत्यधिक खनन से बचाएगा, बल्कि निर्माण कार्यों के लिए एक टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प भी प्रदान करेगा।

मुख्यमंत्री जी ने स्पष्ट किया है कि एम-सैंड यूनिट लगाने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। यह एक ऐसा कदम है जो रोज़गार के अवसर पैदा करेगा और साथ ही हमारी प्राकृतिक संपदा को भी सुरक्षित रखेगा। सोचिए, एक उद्यमी जब एम-सैंड यूनिट लगाता है, तो वह केवल व्यापार...

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संवेदना से सेवा: जब सरकार आपके द्वार आती है, मुस्कान लाती है!

07

Jul

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नमस्ते दोस्तों!

आज मैं आपसे एक ऐसी बात साझा करने आया हूँ, जिसे सुनकर आपका दिल खुश हो जाएगा और आपको लगेगा कि हाँ, सरकार सच में हमारे लिए काम कर रही है। राजस्थान में इन दिनों एक अद्भुत अभियान चल रहा है - "संवेदना से सेवा"। यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक ऐसा प्रयास है जिसने लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।

कल्पना कीजिए...

आप अपने घर में बैठे हैं और आपको पता चलता है कि अब आपको हर महीने सरकार से मुफ्त अनाज मिलेगा। आपको किसी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़े, किसी बिचौलिए को पैसे नहीं देने पड़े, बस एक सरल प्रक्रिया से आपका नाम जुड़ गया। यह कोई सपना नहीं, बल्कि 51 लाख नए लोगों के लिए हकीकत बन गया है जो अब खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़ चुके हैं। जी हाँ, आपने सही सुना, 51 लाख!

इससे भी बड़ी बात यह है कि ये सब खाद्य सुरक्षा पोर्टल के माध्यम से पारदर्शिता के साथ हु...

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CUET 2025 के नतीजे: क्या रहा खास और क्या बदलेगा आगे? 🤔

05

Jul

6

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नमस्ते दोस्तों!

हाल ही में CUET 2025 के नतीजे घोषित हुए हैं, और हमेशा की तरह इस बार भी कुछ बातें ऐसी हैं जिन पर गौर करना ज़रूरी है। जहाँ एक तरफ हमारे देश के लाखों युवा अपने सपनों को पूरा करने के लिए इस परीक्षा में बैठे, वहीं कुछ दिलचस्प ट्रेंड्स भी सामने आए हैं।

सबसे पहले तो, इस बार परीक्षा में बैठने वालों की संख्या में थोड़ी कमी दिखी है – पिछले साल के मुकाबले 4% कम परीक्षार्थी! और हाँ, 100 परसेंटाइल लाने वाले बच्चों की संख्या भी कम हुई है, सिर्फ 1% छात्रों ने दो विषयों में यह कमाल कर दिखाया। इसका मतलब साफ है कि परीक्षा का स्तर काफी प्रतिस्पर्धी रहा है।

लेकिन इसी बीच लुधियाना की अनन्या जैन जैसी होनहार छात्राएं भी हैं, जिन्होंने 5 में से 4 विषयों में 100 परसेंटाइल लाकर टॉप किया है! अनन्या को बहुत-बहुत बधाई, आपने दिखाया कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। उनकी कहानी...

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हरियालो राजस्थान: हमारा संकल्प, हमारा भविष्य! 🌱

05

Jul

5

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नमस्ते दोस्तों!

राजस्थान का नाम सुनते ही अक्सर हमारे दिमाग में रेगिस्तान और तपती गर्मी का चित्र उभरता है, है ना? लेकिन अब ये तस्वीर बदलने वाली है! मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि हमारे राजस्थान को हरा-भरा बनाने का एक बहुत बड़ा अभियान चल रहा है – "हरियालो राजस्थान वृक्षारोपण महाभियान"

इस बार हमारी सरकार ने एक कमाल का लक्ष्य रखा है – पूरे 10 करोड़ पौधे लगाने का! जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढ़ा, 10 करोड़! ये सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, ये हमारे मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा जी के संकल्प और हम सबकी उम्मीदों का प्रतीक है।

पिछली बार भी इस अभियान के तहत 7 करोड़ से ज़्यादा पौधे लगाए गए थे, जो कि अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस बार तो हमें इसे और भी आगे ले जाना है! अभी तक 54 हज़ार 900 से ज़्यादा स्थानों पर 50 लाख 87 हज़ार से ज़्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। सोचिए, जब ये सारे ...

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RPSC का बड़ा अपडेट: अब बिना e-KYC नहीं भर पाएंगे फॉर्म! कहीं आप पीछे न रह जाएं

05

Jul

6

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 नमस्कार दोस्तों!

कैसी चल रही है आपकी सरकारी नौकरी की तैयारी? दिन-रात एक करके मेहनत कर रहे होंगे, हर एक सिलेबस को छान रहे होंगे और इस उम्मीद में होंगे कि बस जल्दी से वेकेंसी आए और आप अपना सपना पूरा करें। लेकिन सोचिए, आप पूरी तैयारी कर लें और जब फॉर्म भरने का दिन आए, तो एक छोटी सी तकनीकी वजह से आप अप्लाई ही न कर पाएं! कैसा लगेगा?

जी हाँ, कुछ ऐसा ही हो सकता है अगर आपने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के नए निर्देश पर ध्यान नहीं दिया। RPSC ने हाल ही में एक बहुत बड़ा और ज़रूरी अपडेट जारी किया है, जो हर उस उम्मीदवार के लिए "Must Do" है जो भविष्य में RPSC की कोई भी परीक्षा देना चाहता है।

तो क्या है ये नया नियम?

सीधे और सरल शब्दों में कहें तो - "नो e-KYC, नो एप्लीकेशन"

RPSC ने यह अनिवार्य कर दिया है कि आयोग की किसी भी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने के लिए आपको अपने वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) प्र...

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5 किलो ज्वार से शुरू हुआ सफर, आज बनीं सफल आंत्रप्रेन्योर

02

Jul

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बेंगलुरु (कर्नाटक) की जगदेवी चंद्रकांत ने अपने मजबूत इरादों और मेहनत से यह साबित कर दिया कि किसी भी काम की शुरुआत छोटी हो सकती है, लेकिन उसका असर बहुत बड़ा हो सकता है।

🏡 घर चलाने के लिए शुरू की ज्वार की रोटियां

कलबुर्गी की रहने वाली जगदेवी ने आर्थिक तंगी में घर चलाने के लिए ज्वार की रोटियां बनाना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने केवल 5 किलो ज्वार से काम शुरू किया था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी रोटियों के साथ-साथ मूंगफली की चटनी, पलीया जैसे पारंपरिक व्यंजनों की भी खूब मांग बढ़ गई।

📈 बढ़ती मांग, बढ़ता व्यवसाय

रोज का खर्च निकालने वाला छोटा सा काम जल्द ही एक स्थिर व्यवसाय बन गया। उन्होंने न क...

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